हो गए है चार साल अब तक,
आये नहीं पापा इसके आज तक,मैं और मेरा बच्चा दो है घर में,
रोटी अभी एक है घर में,चाहूंगी मेरा बच्चा ममता मेरी ना खोये,
सो जाऊंगी मैं भूखी मेरा बच्चा भूखा ना सोये,निकले पसीना धुप में तो थोड़ी कमाई होवे,
देखकर खिलौने औरों के मेरा बच्चा कभी ना रोये,नहीं पता कल होगा क्या मेरा?
इसका कल बना जाउंगी,मैं मरकर भी गर्व करुँगी ,
मेरा बच्चा जब नाम कमाये,छोटे छोटे ख्वाब देखेगा,
मेरी नज़र ना इसको लग जाये,खत्म हो जाये सारी दुनिया,
अगर इससे जलती जावे,रहे अलग चाहे बड़ा होकर ,
पर मेरी ममता कभी ना खोये,
सो जाऊंगी मैं भूखी, मेरा बच्चा भूखा ना सोये ।नन्द किशोर शर्मा
लूनकरणसर
9950210734
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बच्चा भूखा ना सोये #Yourstoryindia
Poetryमाँ की ममता अपने बच्चे के प्रति बहुत होती है। वह बच्चे के लिए सारी दुनिया को त्याग सकती है।