ख़्वाब में भी खयाल उनका था ❤️

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रात अपनी थी और खयाल उनका था
पर जब कम्बल में घुस कर देखा तो में अकेला था..

फिर कुछ देर हुई .....

मिल गए हम दोनो
वक़्त बिताया
जज़्बातो की अदला बदली हुई

फिर नींद खुली ...
तो पता चला
ख़्वाब में ही सही
हमारा मिलना तो लाज़मी था....

गिला - शिकवा और मोहब्बत ❤️Where stories live. Discover now