लड़खड़ाऊ मैं जो कभी
आप मेरा हाथ थामकर मुझे संभाल लेनागलतियां जो होजाए मुझसे कभी
आप डांट कर मुझे समझा देनाहार जो जाऊं में कभी किसी चीज़ में
आप मेरा हौंसला बड़ा कर मुझसे उम्मीद लगानाअकेली जो महसूस करु मैं कभी
आप कस कर मुझे गले लगा लेनाआप जो थक जाओ कभी
आकर मेरी गोद में सिर रख कर सो जानाकोई परेशानी जो आ जाए कभी
बस एक बार मुझे आवाज़ लगा लेनागलत फहमी जो होजाए कभी
आप बस मुझपे एतबार करनाजता न पाऊं जो कभी अपनी मोहब्बत को
आप बस मेरी आंखें पढ़ लेनाचाहे जो भी वक्त या हालात हो , वादा है जिंदगी भर साथ निभाऊंगी
आप बस इस वादे को याद रखनालड़ाई - झगड़े , शिक्वा - शिक़ायत , ये सब तो हिस्से हे जिंदगी के
आप बस जिंदगी भर मेरा साथ देना
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गिला - शिकवा और मोहब्बत ❤️
Poetryगैरों के लिए कुछ ख़ास नहीं एक ख़ास के लिए एक शायर हूं।