"आँखें भी बोलती हैं"

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लव बोलते हैं नित ही
आँखें भी बोलती हैं
नज़रों की बात कोई
जाने तो कैसे जाने.

नज़रों में जो भी झाँके
धड़कन को कोई आँके
तब ही समझ सकेगा
जो राज़े दिल को जाने

लब कहते झूठी बातें
सच बोलती हैं आँखें
आँखों में ज़रा झाँको
दर्पण को फिर निहारो

आँखो ने क्या कहा है
दर्पण से पूछ देखो
         दर्पण बता ही देगा
क्या दिल में है तुम्हारे

नज़रें बता ही देंगी
आँखों से सब इशारे
         विश्वास जब करोगे
नज़रें करेंगी बातें
दर्पण भी बता देगा
दिल में छिपी जो बातें।

          नज़रें बता ही देंगी         आँखों से सब इशारे         विश्वास जब करोगे         नज़रें करेंगी बातें         दर्पण भी बता देगा        दिल में छिपी जो बातें।

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