खुश रहना तू उजालों मे रहना,
मैंने क्या क्या जलाया जान कर क्या करोगे?
तस्वीरे हटा दी होंगी मेरी,
अब मेरा ज़िक्र भी नहीं करोगे?
याद तो फिर भी मेरी आएगी तुम्हें,
इन यादों का क्या करोगे?
घुमोगे अनजान आशिक़ों के साथ,
मुझसा पाने की पूरी कोशिश करोगे,
दिन तो गुज़र जायेगा बगैर मेरे,
ख़ैर, रातों का क्या करोगे?
मुझे दर्द देने से पहले सोचा करोगे??
मेरे साथ आख़िर तुम एसा करोगे?
सुना है अंगूठी उतार दी है मेरी,
मगर अंगूठी के निशान का क्या करोगे??
कोई पूछेगा जब, की क्या याद मेरी आती है,
उससे तो माना कर्दिया करोगे?
सब से झूठ कह दोगे मगर,
मेरी हिचकियों का क्या करोगे?
प्यार तो ख़ैर किसी और से हो जायेगा,
दिल दिमाग़ का झमला किसी और से करोगे,
मेरे दिये ख़त तो जला दोगे तुम,
मगर गुलाब की ख़ुशबू का क्या करोगे?
मुझसे अपना हर हिस्सा चुरा लोगे,
मुझसे नफ़रत करने की कोशिश करोगे,
चीज़े तो फिर भी लेलोगे तुम,
मेरे ज़ख्मों का क्या करोगे?
खुश रहना तू उजालों मे रहना,
मैंने क्या क्या जलाया जान कर क्या करोगे?
बताओ?
कुछ सोचा है?
क्या करोगे??
~trippy