यादो की झलक : डायरी

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हेलो दोस्तो एक बार फिरसे आपके सामने हाजिर हु एक नए आर्टिकल के साथ । आप सभी से एक सवाल करना चाहता हूं कि क्या समय यात्रा संभव है? तो आप में से कुछ लोग कहेंगे की नही ऐसा कोई यंत्र बना ही नही जिससे समय यात्रा की जाए और कुछ लोग कहेंगे कि भाई यह यंत्र बन गया है पर अभी तक इसे आम लोगो के सामने नही लाया गया है पर में आपसे कहू के आप सभी ने अपनी जिंदगी में कभी न कभी समय यात्रा की है तो क्या आप यकीन करेंगे हाल में में भी समय यात्री बनकर अपने बीते दिनों को फिरसे जी कर आया हूँ । दुनिया में ऐसी कई चीजें है जो समय यंत्र का स्थान ले लेती है और हम उन पलों और अहसासों को फिरसे जी लेते है जैसे कोई कॉलेज या स्कूल के दिनों की कोई फ़ोटो आपको मिल जाये तो आपके आँखो के सामने स्कूल के वो मस्ती मजाक के वो पल आ ही जाएंगे या किसी दिन आपको अपने पुराने लव लेटर्स मिल जाये तो उसे पढ़ते पढ़ते आप फिरसे उन अहसासों को जीएंगे जिसे आपने पहले जिया था मेरे साथ भी हाल में कुछ ऐसा ही हुआ और मेरे किस्से में समय यंत्र बनी मेरी डायरी के कुछ पन्ने।

में अपनी समय यात्रा कहने से पहले में मेरी डायरी और मेरे बीच के रिशते के बारे में बात करना चाहूंगा । जब हमारे शिक्षक हमे पूछते कौन कौन डायरी लिखता है ? तो वर्ग में सबसे पहले मेरा ही हाथ ऊपर होता था जितना गर्व सिकंदर महान को अपनी जीत पर होता होगा उतना ही गर्व मुझे अपनी डायरी लिखने पर होता था । डायरी लिखने की शुरुआत मैंने एक कहानी सुनकर की थी जिसमें नायक अपने सारे राज़ एक किताब में लिखता था ।पर डायरी लिखने का असली महत्व मुझे ऐनी फ्रेंक की डायरी ने बताया हुआ यूं थी कि मुझे 4थी से ही पढ़ने और लिखने का शौक था तो एक बाल पूर्ति में एक लेख छपा था कि एक 13 साल की लड़की जिसने अपनी डायरी लिखकर विश्व विख्यात बन गई तो मुझे उसकी डायरी पढ़ने का मन हुआ और वह डायरी मुझे अपनी स्कूल लाइब्ररी में मिल गई और जब मैंने उसे पढ़ा तो डायरी लिखने का महत्व समझ में आया तो उसके बाद डायरी मेरी ज्यादा घनिष्ठ मित्र बन गई थी । डायरी को में प्रतिदिन नही लिख पाता था , क्योंकि प्रसाद मैडम का होमवर्क भी होता था . मेरे हाउस के " अ विंग " और " ब विंग " के बीच क्रिकेट मैच भी होता था , जो मुझे खेलना होता था और लाइब्ररी से इशू की गई कहानी की किताबे भी पढ़नी होती थी । पर तब भी में अपने यादगार क्षणों एवं खट्टे पलो की साक्षी डायरी को बनाना नही भूलता था , जैसे मेरा बर्थडे हो या मेरा पहला क्रश हो । पर मेरी और मेरी डायरी की दोस्ती ज्यादा दिनों तक की नही रही , तभी स्कूल में डायरी कांड हुआ और जिस लड़के की डायरी थी उस बिचारे को रेस्टीकेट कर दिया गया उस डायरी में उसने अपने प्यार का जिक्र किया था जिस वजह से उस लड़के को रेस्टीकेट किया गया । आज जब इस बात को सोचता हु तो यह गलत लगता है कि किसी की निजी वजह से उसे रस्टीकेट करना यह गलत है आज इस बात पर लड़ सकता हु पर तब मैं काफी सहम गया था क्योंकि मैंने भी अपनी डायरी में इन बातों को लिखा था । बस कुछ वक़्त हुआ था की एक दिन मेरे कुछ दोस्तों ने मेरे साथ मजाक करने के लिए मेरी डायरी छूपा दी और में काफी परेशान हुआ । बाद में मुझे मेरी डायरी वापिस मिल गई पर में काफी डर गया था और मैने अपनी डायरी को नष्ट करने का फैसला लिया और उस पर अमल भी किया । दुख तो बहुत हुआ पर राहत भी मिली थी ।

यादो की झलक : डायरीWhere stories live. Discover now