Chapter 3: The Bargain of Royalties

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रात की गहरी चादर ने आसमान को अपने आंचल में लपेटा हुआ था, जब अर्जुन ने तय किया कि अब उसका समय राजस्व के रहस्यों को समझने का है। उसने निर्णय किया कि वह अपने विशेष गुरु, महर्षि वासुदेव से मिलेगा, जो राजस्व की गहराईयों को जानते थे।

अर्जुन ने अगले सुबह जंगल की ओर कदम बढ़ाते हुए महर्षि के आश्रम की ओर बढ़ने का निर्णय किया, जहां उसने अनेक चमत्कारी रास्तों को पार किया। वासुदेव के आश्रम में पहुंचकर, उसने उनसे राजस्व के गहरे रहस्यों को सीधे जानने का प्रयास किया।

महर्षि वासुदेव, जिनकी लम्बी सफेद दाढ़ी और प्राचीन ज्ञान की छाया उनकी आंखों में छमक रही थी, ने राजस्व की जटिल धाराओं की एक सुस्त चादर खोलना शुरू किया।

"राजस्व," महर्षि ने कहा, "एक अद्वितीय ताकत है जो जीवन और मृत्यु के सारे सिरर। इसमें छिपा हुआ है विजय का रहस्य और जीवन का सारथी।"

वासुदेव के शब्दों ने अर्जुन को राजस्व के अद्भुत सागर में डाल दिया, जहां हर कतरा एक नया रहस्य और उत्कृष्टता का संदेश लेकर उसकी आत्मा को छू रहा था।

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⏰ Last updated: Dec 11, 2023 ⏰

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