shaadi.com के notification मुझे बहुत चिढ़ाते हैं,
बस कुछ दिनों की मेहमान हूँ ये अहसास दिलाते हैं।जब रोटी टेढी बन जाती है
मम्मी बहुत चिल्लाती है,
ससुराल में क्या होगा इसका
यही सोच घबराती है।वज़न कम कर लेना और चहरा चमका लेना,
अब लड़के दोस्तो से दूर ही रहना उनको ज़रा धमका देना ।पराया धन हूँ इस घर का पराए घर मुझे जाना है ,
कान्हा , कौनसा घर मेरा है अपना, अब आपको ही बतलाना है ।लड़का साँवला है या गोरा यही बहस लगी रहती है ,
नाक नहीं छिदाया तुमने सबको यही ठहस लगी रहती है ।मन करता है कुछ साल और छोटी हो जाऊँ ,
फिर से अलहड़ बन कर मैं, माँ को थोड़ा और सताऊँ!अब ये कमरा सिर्फ मेरा होगा भाई जब यह कहता है ,
जाने कौन से दिन पराई हो जाऊँ यही डर लगा रहता है!Doctory की पढ़ाई करली अब Dr ही ढूँढना होगा ,
दूर दूर के चाचा फूफा से अब पूछना होगा!तुम्हारी सहेली की शादी हो गई तुम अब तक कुँवारी हो ,
रात को अब देर तक बाहर ना रुकना अभी तो तुम कुमारी हो।अब तो तुम भी शादी करलो यही सभी की राय है,
तिरछी नज़रो से मन घबराता, बेचारा ये भी असहाय है।खुद को अभी तो पाया है मैंने,
कहीं इतनी जल्दी वापिस खो ना दूँ ,
एक बार और शादी का सुना तो कहीं मैं अब रो ना दूँ!पहले पिता, फिर पति सिर्फ हकदार बदल जाते हैं,
पहले पीहर फिर ससुराल परीक्षा वही , बस ठिकाने बदल जाते हैं।कुछ और साल रखलो माँ ,परेशान नहीं करूंगी तुमको, आँचल से ऐसे ढक लो, अब ना दिखूँ मैं किसीको!
कल तक जिस आँगन की रौनक थी, आज उसीका बोझ हूँ,
अपने - पराए का भेद परखती, मैं हर बेटी की सोच हूँ।तुम्हें हमेशा बेटा ही समझा, ऐसा कहते थे पापा तो आज मान भी लो,
मैं कहीं नहीं जाऊँगी अभी, आज आप जान भी लो!
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The Sleepless Nights!
PoetryThis is basically a poetic catharsis when i feel too much emotions are piled up. Ps: this is my first work on wattpad. Please do give honest reviews. Suggestions and positive criticism are always welcomed. Thanku for reading !!( In advance)