मेरी ✍️ मेरी आवाज़
देशभक्ति की मशाल
भारत भूमि वीरों की शहीदों कीआज कायरों से भरी पड़ी
जीवन का लक्ष्य जिनका कुछ नहीं
करें भी क्या जब करने को कुछ नहीं
अभावों में पलकर ही सीखता है मन
करे कुछ ऐसा जीवन हो जिससे धन
कुछ घर के लिये कुछ देश के लिये
माँगने से पहले ही सब है मिल जाता है
रहने को घर है
घूमने को गाड़ी है
कुछ भी ख़रीद लो जेब भारी है
आज का ग़रीब भी ग़रीब नहीं रहा
कोरोना काल में भाग्य चमक गया
फ़्री बिजली फ़्री पानी फ़्री राशन आ रहा
बिना मेहनत सब कुछ मिल रहा
स्कूल जाये बिना बच्चे पास हो रहे
घरों मे ही ऑफिस चल रहे
जीवन एक ढर्रे पल चल पड़ा
आनेवाली नस्लों में आलसी बच्चे होंगे
जो मनभावन न मिलने पर चिल्लायेंगे
वो देश के लिये क्या कुछ कर पायेंगे?
ये प्रश्नचिन्ह मन में बार-बार लग रहा है
वोटों की राजनीति का खेल नहीं रूका है
वो तो निरंतर चल रहा है
देशभक्ती का जज़्बा तो है ही नहीं
एक बार फिर ज़रूरत आन पड़ी
धर्म को बचानेवाले सिक्खों के गुरुओं की
भगतसिंह, राजगुरू,आज़ाद जैसे शहीदों की
वीर शिवाजी, राणा प्रताप,रानी लक्ष्मीबाई की
वीरता से रीत गई भारत की धरती कह रही
तुम सब मुड़कर आओ इकबार
भारतमाता हाथ जोड कर रही पुकार
आकर भारत की धरती का करो उद्धार
एक मात्र हिंदुराष्ट्र भारत बचा है आज
इसपर मिलकर कर लो विचार
एक अकेली शमा नहीं जलानी होगी मशालें
रोशनी में जिसकी रौशन होंगी ,देश की राहें
आप पढ़ रहे हैं
देशभक्ती की मशाल
Non-Fictionभारत एकमात्र हिंदु राष्ट्र बचा है हज़ारों सालों से बाहरी ताक़तों ने इसे बदलने के लिये अत्याचार और अनाचार किये और आज भी कोशिश मे लगे हुये हैं इनकी कोशिशें हमारे वीरों की और सिक्खों के गुरुओं के बलिदान से नाकाम होती आई हैं भारत देश को आज फिर से उन वी...