तसव्वुर (Urdu Poetry)

By _aria__writes

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किस गुल से हुस्न टपकता है किस खुश्ब की रवानी रहती है तेरे नर्म होंठो की अरक हर गुलशन की कहानी कहती है ... More

Na ham jane, na tu jane
End of love
rahne de
अब कितना और
मोहब्बत हो गई
रात भर
तेरी नजरें
पलके बिछाएं या...
तू जब चाहे आजमा ले
भटके दर बदर
tu phir mile
आजाद किया जाए...
आदम खुदा से...
ये महर ओ मह.....
जब सहबा-ए-कुहन...
तलाश है
नज़र मिली....
इश्क़ मेरा....
तो फिर कुछ नहीं
इश्क़
क्या करें?
तार तार
कयामत की रात
बेसबर सी सांस है
तो बात हो
तुम
है गरज़ तुझको
बस इतनी सी
एक दिल
इंतज़ार
क्या तुम्हें.....
chal mere
बिखरे जो अभी
अगर यक़ीन
ना मुलाक़ात
इज्ज़त-ए-नफ़्स
दर्द में है

क्यूं नहीं?

300 24 1
By _aria__writes

@@@@@@

मुकम्मल नहीं हैं हम तेरे बगैर, तू समझता क्यूं नहीं?
हमसे अब ये हमारा दिल संभालता क्यूं नहीं?

सांसों को हमारी जैसे तेरा ही नशा है
ये ठहरें मेरी नसों में, तू जिंदगी में ठहरता क्यूं नहीं?

सुना है, तू बड़ा खूबसूरत दिखता है अपने शहर
मेरे शहर आने पर बनता संवरता क्यूं नहीं?

बड़े किस्से सुने हैं तेरे तबस्सुम की अदा के,
तू हम पर ये अदा अता करता क्यूं नही?

भूले किसी दिन तेरी गली से जो गुजरें हम
वाकयन ही सही, तू खिड़की पर बसर करता क्यूं नहीं?

Quoted by-- Aria

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