किताबों का जहां बस्ता है यहां,
नही है कोई गम यहां।
इंसान से इंसान को मिलाती है ये दुनिया,
मन से मन के तार जोड़ती है ये दुनिया।
कुछ अंधेरो में घिरे है,
कुछ बादलोँ में छिपे है।
पर भी हर एक का एक से एहसास कराती है ये जन्नत,
दुख हो गम हो भुलाने का एक बेहतरीन वास्ता है इससे हमारा।
Mamta Verma