🌼❤️ अनचाही शादी ❤️🌼

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                        पार्ट ;- 01

भाग ;- 01 { वेदिका खुराना और उसका परिवार } ❤️🧿





मुंबई शहर जहां कभी रात नहीं होती वही हमारी वेदिका जिसका पूरा दिन या रात भी सोने के लिए काम पढ़ जाता है,, पूरे कमरे में सामान इधर उधर बिखरा पड़ा है हमारी वेदिका जी आराम से घोड़े बेच कर सो रही हैं...

अलार्म घड़ी इतने जोर से बज-बज कर शांत हो चुका था मगर वेदिका की नींद में जरा भी खलाल नहीं पड़ा.. तभी एक औरत कमरे में प्रवेश करती है हाथ में पूजा की थाल के लिए, उमर यहीं कोई 45 या 46 के आस पास, , सिंपल सी साड़ी ,  हाथ मैं 2 2 कंगन , माथे पर सिंपल बिंदी , बस ..

ये या कोई नहीं बाल्की वेदिका की मां हैं आरती जी हैं जो अंदर आते ही वेदिका के सर कंबल उठाकर अलग फेंकती हैं

वेदिका अलसायी आवाज मुख्य

सोने दो ना माँ ,,

आरती जी साख आवाज मैं बोली

सोने दो की बच्ची जल्दी उठ 8 बज गए हैं


वेदिका हल्की निंद मैं उथकर बेथ जाती हैं गोरा रंग, तीखे नैन नक्श, बड़ी बड़ी आंखें, लंबे लंबे बाल,

वेदिका मजाक के लहजे में बोली ;-

माँ मैं सोने दो की बच्ची नहीं आपकी बच्ची हूँ

इतना सुनते ही आरती जी उसका कान पकड़ लेती हैं।

आरती जी आंख दिखाते हुए बोली  ;-

कब बड़ी होगी तू तेरी शादी हैं 6 महीने बाद !


अंदर आते हुए वेदिका के पापा उमेश जी उनकी बात सुनकर मुस्कुरा दिए और बोले 

हा तो हमारी प्रिंसेस को उसके लिए बड़ा होने की क्या जरूरत हैं ।

वेदिका के चेहरे पर मुस्कान आ गई वो खुश होते हुए बोली ;-

बिलकुल ठीक कहा पापा आई लव यू पापा ।

उमेश की बेड पर बैठते हुए कहते हैं

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⏰ Last updated: Mar 31 ⏰

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