मुझे खोया हुआ पाओगे

19 2 2
                                    


अब तुम अगर लौट कर आ भी जाओगे,कहीं ना कहीं मुझे खोया हुआ पाओगे,

मैं अब खुद के लिए भी नहीं रुकता किसी मोड़ पे,तुम मुझे उन अंधेरी गलियों में ढूंढ भी नहीं पाओगे,


एक शक्स अब अँधेरे को तकता रहता है,तुम क्या उसे रात की लम्बाई बताओगे,

मैं क्या हूं अब तो मैं खुद भी नहीं जानता,तुम मुझे मेरे बारे में क्या बताओगे?


अब एक दो बात निकली है तो पूछ ही लेता हूँ,तुम ऊंची-नीची जाति करके क्या जीत जाओगे?

मैंने पढ़ रखा है जौन, हाफी को,अब तुम मुझे मोहब्बत के बारे में बताओगे??


- वैभव कुमार


Comment and vote to see more updates ❤

Yaadein (Collection Of Shayaris)Kde žijí příběhy. Začni objevovat