Worker कहानियाँ

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3 कहानियाँ

utkarshjoshi007 द्वारा नज़रों की असमंजस
#1
नज़रों की असमंजसDEVASHISH JOSHI द्वारा
इंसान कई बार सामने वाले को छोटा समझ उसका अपमान कर देता है, पर भूल जाता है की उसका खुद का विरोध उसे चुभ जाता है। और जब एक करीबी अपमान कर देता है, तो सिर्फ एक असमंजस रह जा...
पूर्ण
Amitkori428 द्वारा यह घर, और कितनी दूर है...??
#2
यह घर, और कितनी दूर है...??Amit kori द्वारा
हम मज़बूर हैं, क्योंकि हम मजदूर हैं सूखी रोटी से पेट भरने की तो दूर, यहां तो खाने को साफ हवा तक नहीं लेकिन इस कमबख़्त भूख का क्या करें साहब, इसकी तो कोई दवा तक नहीं
Atulswarnkar281 द्वारा मरता मजदूर
#3
मरता मजदूरAtul Swarnkar द्वारा
This poem shows the difficulty of migrant workers amid COVID-19 pandemic.