कुछ घट गया Kuch Ghat Gaya

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कुछ घट गया

कौपी  राइट @ २९१३  राजा  शर्मा

वृद्धों के सम्मान को रोको

कुण्ठित होते ज्ञान को रोको

भूले तुम माँ के आदेश

वृद्ध पिता को मान से रोको

कोई चिट्ठी वाले काका ला दो

वो राह देखती माता ला दो

छोडो रोज बदलना भेष

वो गावं का हाता ला दो

गिरती बिटिया रानी रोको

नदियों का घटता पानी रोको

कुछ ना रहेगा वरना शेष

कथा में जीती नानी रोको

कोई पहले सी बातें ला दो

प्यारे रिश्ते नाते ला दो

छोडो ये  यान्त्रिक  परिवेश

वो तारों की रातें ला दो

सिर पर उड़ते दानव रोको

कीड़ों से मरते मानव रोको

छोडो अब ये देश विदेश

घटते जाते साधन रोको 

कोई जंगल के पन्छी ला दो

मीठी तान की बंसी ला दो

कहाँ गया निर्मल संदेश

कोई मेले से घन्टी  ला दो

उठ्ती हुई दीवारें रोको

बढ्ती जन्म कतारें रोको

भूलो धर्मों के आदेश

शश्त्रों की झंकारें रोको

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⏰ Last updated: May 27, 2013 ⏰

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कुछ घट गया Kuch Ghat GayaWhere stories live. Discover now