#1
दास्ताने इश्क़prachi parashar द्वारा
कभी गर्म हवा तो कभी सर्द,
कभी आशिकी तो कभी दर्द,
दिल के अंगारों से चिराग जलाए मैनें,
आंखो की नमी से चिराग बुझाए मैनें,
सब कुछ खोया,
और खो कर पाया,
ये रोग बड़ा बेदर्द,
कभी...