#1सब कुछ कोमल - कोमल हो गया..Amit kori द्वारा201सारा कालापन बह गया, आसमान निहार रहा था यूंही.. निहारता ही रह गया सब कुछ कोमल - कोमल हो गया..पूर्णhindikavitahumanshindipoetry+4 और