ना चाहिए कुछ खुद से ज़्यादा,खुद से कम नही!
Not more than myself nor less than me!
A very beautiful hello to all of you."यूँ तो तुम्हे सब पता है,
हर बात का तुम्हे थोड़ा अंदाज़ा है,
इस दुनियां ने तुम्हे,
सबका परिचय दिया है,
सबसे तुम्हे मिलवाया है,
पर शायद आज भी कोई तुमसे खफा है,
शायद कोई अभी भी शिकायत तुम्हारी कर रहा है,
वैसे तो दुनिया बड़ी समझदार है,
हर बात का इसे भरपूर ज्ञान है,
पर फिर भी एक खामोश शोर से बिल्कुल अनजान है,
फिर भी एक खामोश शोर से अनजान है,
तुम्हारी ही रूह का ये शोर है,
जिससे दुनिया बिल्कुल अनजान है,
कैसे जान ले ये नादान दुनिया,
जब मालिक भी अनजान ही (शोर से) है।
.........."
अच्छा चलो,कहानी शुरू करते है,
एक थी बड़ी सीधी सादी लड़की,
जो छोटी सी बात पे खुश हो जाती,
और छोटी सी बात पे रो पड़ती,
कभी खुलके हंस देती,
कभी गुस्से से लाल हो पड़ती,
कभी आंसू सबसे छिपा लेती,
तो कभी आंसू अपने बहा देती,
बस ऐसी ही थी उसकी ज़िन्दगानी,
शहद ज़्यादा और चीनी कम!
यूँ तो बचपन से ही वो थी शर्मीली,
ज़्यादा लोग देख डर जाती,
ऊंचा आवाज़ सुनके सहम उठती,
कम लोग से दोस्ती,
और सब के साथ बात थोड़ी कम कर लेती,
बस ये ही सब हो गयी थी उसकी निशानी,
न पढ़ने में तेज़,न खेलकूद में,
ना दोस्ती निभाने में,
ना बातचीत में,
ना दुनियादारी में,
इसी तरह हो गए,
दुनिया के ताने उसकी दिनचर्या में,
बस तब से ही
वो अकेली रो लेती,
अकेली हंस लेती,
दुनिया से खुद को अलग कर लेती!
खुश थी,
पर आखिर ईद तो चार ही दिन की!!!
किसी बहाने से दुनिया उसपे हॅंस देती,
हमेशा वो कुछ गलती करती,
तो दूसरे के साथ खुद पे वो हँस लेती,
जब ये नादान,
भागती दुनिया मे भागने लगी,
तब वो कुछ भूल रही थी,
खुश तो थी,मगर खुशी नही थी,
जब आंखे उसकी खुली,
तो एहसास हुआ,
भागते भागते वो सब जैसी हो गयी थी,
बस खुद को ही वो भूल गयी थी!
वापिस उसने खुदसे दोस्ती की!
अब खुश भी थी,और खुशी भी थी,
और धीरे धीरे,दुनिया भी,
उसकी खुशी से खुश हो गयी!
Dare to create your own happiness on your on terms! Accept & love yourself,because ultimately it's YOU who allows YOU to be happy!
Thank you.
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न चाहिए कुछ खुद से ज़्यादा,खुद से कम नही!
Poetryना चाहिए कुछ खुद से ज़्यादा,खुद से कम नही! Not more than myself nor less than me! A story showing the importance of self love.