मैं जहाँ भी देखूँ बस तुम्हे ही पाऊँ।
ये क्या हो रहा है मुझे, कैसे बताऊँ?
वादा लिया था तुमने कि मैं तुम्हें भुलाऊँ।
पर अगर ये दिल सिर्फ धड़कता है तुम्हारे लिए,
तो दिल को धड़कने से कैसे रोक पाऊँ?
उन दिनों को कैसे भुलाऊँ?
तुम इतने करीब थे, मैं कितनी खुश थीl
इतना खुश कोई सिर्फ सपने में होता है, यही खुद को समझाऊँl
पर मैं ये भूल गयी थी कि सपने भी टूटते हैंI
अब सुनहरे सपनों में से दर्दभरी हकीकत में कैसे आऊँ?
पर ये दर्द, ये खोखलापन, ये तड़प जिससे मैं बच न पाऊँ
यही इस बात का सबूत है कि तुम हकीकत थे, मेरे थे।
कोई सपना नहीं, जिसे मैं भूला पाऊँ I
YOU ARE READING
तुम्हारी याद
FanfictionThis is my first try in writing hindi poem (and hindi is not my mother tongue). I wrote this poem a long back. It is partly a Twilight fan fic poem. I tried to bring out Bella's feeling when Edward leaves her in the 'New Moon'. Please read and comme...