गांधी जयंती 2021 (Gandhi Jayanti): महात्मा गांधी जी का संक्षिप्त जीवन परिचय
महात्मा गांधी जी का भारत को आज़ादी दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। राष्ट्र हितैषी, सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आज़ाद कराने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का जन्म 02 अक्टूबर, 1869 को गुजरात राज्य के तटीय क्षेत्र पोरबंदर में हुआ। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी (M.K. Gandhi) था। उनके पिता जी का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी एवं माता जी का नाम पुतलीबाई गांधी था।
महात्मा गांधी जी की धर्मपत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी एवं उनके चार पुत्रों का नाम हरीलाल गांधी, रामदास गांधी, देवदास गांधी और मणिलाल गांधी था। गांधी जी ने अपना अधिकतर जीवन साबरमती आश्रम में बिताया और वह धोती व सूत से बनी शाल पहना करते थे जिसे वे स्वयं चरखे पर सूत कातकर हाथ से बनाते थे। वह सादा शाकाहारी भोजन खाया करते थे और आत्मशुद्धि के लिये उपवास भी रखते थे। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे गोपाल कृष्ण गोखले महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही एक मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी थे। उन्होंने गांधी जी को देश के लिए लड़ने की प्रेरणा दी। वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु थे। बचपन से ही गांधी जी की अध्यात्म को जानने में रुचि थी जिस कारण राजचन्द्र जी को उन्होंने अपना आध्यात्मिक गुरु बनाया।
गांधी जयंती 2021 पर महात्मा गांधी जी के प्रारम्भिक जीवन से लेकर अंतिम सफ़र तक का विवरण
महात्मा गांधी जी का प्रारंभिक जीवन पोरबंदर में ही बीता। प्राथमिक पाठशाला से उनकी पढ़ाई प्रारंभ हुई। वह पाठशाला उनके घर के पास ही थी। जब मोहन के पिता पोरबंदर से राजकोट रियासत के दीवान बनकर गए तब उनके साथ महात्मा गांधी जी भी गए। 12 वर्ष का होने तक उनकी पढ़ाई राजकोट की पाठशाला में ही हुई। गांधी जी में बाल्यकाल से ही सत्य के प्रति निष्ठा थी एवं वे सात्विक विचारों से ओतप्रोत थे। अपने विद्यार्थी जीवन में उन्होंने अपने गुरुओं से एक बार भी झूठ नहीं बोला। सत्य का उन्होंने अपने जीवन में एक मंत्र की तरह पालन किया। उस समय बालविवाह प्रचलन में था। महात्मा गांधी जब 13 वर्ष के हुए तब उनका विवाह 14 वर्षीय कस्तूरबा से कर दिया गया।
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152वीं गांधी जयंती (Gandhi Jayanti): कौन है सत्य व अहिंसा के सच्चे पथ प्रदर्शक?
Historical Fictionगांधी जयंती 2021: भारत संतों, महापुरूषों और देशभक्तों की जन्मभूमि है। भारत विलक्षण प्रतिभा के लोगों की कर्मभूमि भी है। जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था तो भारत को आज़ाद करवाने में देश के प्रत्येक वर्ग ने अपने अपने तरीके से योगदान दिया, उन्हीं में से एक...