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Random_Kahaniyaan द्वारा Shayari- Baatein Rahi Kuch Ankahi
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Shayari- Baatein Rahi Kuch Ankahi Random_Kahaniyaan द्वारा
नौ उमरी सारी ख़ाक करी कसीदे हुस्न के पढ़ने में बारह दिन भी नहीं लगे फ़ितूर-ए-इश्क़ उतरने मे ... © Random_Kahaniyaan कुछ शेर कुछ कविताएं कुछ गीत, जो लिखे तो गये परंतु जिस...