चौराहे की शामAmit kori द्वारा2431शाम की ठंडक फीज़ा में घुल ही रही थी कि मुझे अचानक चौराहे पर गोलगप्पो की रेढ़ी लगाने वाले मौर्या जी की याद आ गई ठंड की शाम थी और बाल्टी में पानी भरकर घर के चारो ओर छिड़कने क...पूर्णmemoriesselflovelove+10 और