मैं शून्य में निहारता
Copyright@2013 Raja Sharma
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल दिया
कभी बाती
कभी आग
कभी रोशनी को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल जिया
कभी साथी
कभी प्राण
कभी प्रेयसी को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल सितारा
कभी चाँद
कभी सुरज
कभी धरती को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल किनारा
कभी पानी
कभी धार
कभी नदी को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल परवाना
कभी दिये
कभी जलन
कभी राख को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल दीवाना
कभी यादें
कभी वादे
कभी हाथ को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल साज
कभी स्वर
कभी सजिन्दे
कभी मल्हार को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल राग
कभी गले
कभी गायक
कभी गीतकार को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल अदाकार
कभी मंच
कभी रंग
कभी संवाद को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल परिवार
कभी माँ
कभी बाप
कभी अपनेआप को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल अरमान
कभी दिल
कभी धड्कन
कभी प्यार को तलाशता हूँ
मैं शून्य में निहारता एक बोझिल इमान
कभी आयत
कभी दोहे
कभी पर्वरदिगार को तलाशता हूँ
