अगर हम बुलाये तुझको मिलने के लिए तो क्या करोगे,
मिलालोगे आँखों से आँखें अपनी या आँखें झुकाओगे!जुल्फ़ जब उठाते हैं ऊँगलियों से तो शाम ढ़ल जाती हैं,
बदल दोगे यह मंज़र ए शाम या कल सुबह तक रूठोगे!चाहत यह चीज़ है बहोत ही मासूम सी मगर क्या करूँ,
बड़ी अद़ब हैं तेरे लिबास में किस तरह सँभल पाओगे!दिल धड़क रहा है अब भी मेरा जब सोचता हूँ तुझको,
छोड़ दोगे ए हाथ पकड़ कर या तुम हमारे साथ चलोगे!जाने किस किस हाल से यह आलम मुक़र रहा है पता,
आँसू बहाओगे या ख़ुदा ए ख़ातिर मोहब्बत निभाओगे!जान बाकी है नाम तो अब भी धड़कता है दिल में हमारे,
कुछ ख़याल थे दिल में छुपायें के तुम कभी सुन पाओगे!कभी-न-कभी कहीं न कहीं होगी अपनी मुलाक़ात मगर,
जो दौर यह गुज़र चुका है इस दौर को झाँक कर देखोगे!
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क़ारवाँ
Poetryकुछ ऐसी शायरी और ग़ज़लें जो मेरे दिल के बहोत क़रिब हैं, शायद आपको पसंद आयेगी! कुछ द़र्द़, कुछ ज़ख़्म, कुछ रूमानी 🌷 💖 👬 💑 ✍ 💔 💦 मुझे इसी बहाने आपके दिल तक पहुँचने का एक मौका मिला है! ख़याल हैं कि आपको नाराज़ न करूँ!! Plz read and vote if you...